व्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे | नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठाय नमो नम: ||
अर्थात् व्यास विष्णु के रूप हैं तथा विष्णु ही व्यास हैं ऐसे वसिष्ठ-मुनि के वंशज को मैं नमन करता हूं आजके दिन मैं *उनलोगों को भी नमन करना चाहूँगा जिन्होंने मुझसे *धूर्तता* चोरी बेईमानी विश्वाश्घातकरके इसी जन्म में मेरी आँखों के सामने*
नर्कतुल्य कष्ट भुगत रहे हैं उनसे भी मुझे यह ज्ञान मिला कि जो शुभचिंतक तन-मन-धन से अहर्निश आपके साथ खड़ा रहे उसके साथ विश्वासघात न करें, ऐसा प्रेरणादायक ज्ञान *देने के लिए वै भी मेरे गुरु ही हुए उन्हें भी पुनः प्रणाम करता हूँ | गुरु पूर्णिमा के पावन पर्वपर शुभकानाएं🌹
Anandshree
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